इसी बीच ‘संत वैलेंटाइन दिवस’ का आना हुआ। दरअसल वैलेंटाइन वो महान ऋषि थे जिन्होंने रोम शासन के दौरान चोरी-छुपे कई युगलों का प्रेम विवाह कराया था। जिसकी वजह से उन्हें सज़ा-ए-मौत मिली। आज के इस भौतिकवादी युग में लोग उनका बलिदान भुला चुके हैं। मोहब्बत एक बड़ा मार्केट है और आज के लड़के प्यार के इस बाज़ारवाद में महज़ उपभोक्ता हैं, जिन्हें किसी भी हाल में अपनी प्रियतमा को महँगे गिफ़्ट्स देकर ‘सेटिंग’ कर लेनी हैं।