‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ और ‘जिमख़ाना क्लब’ की मेम्बरशिप लिए बैठे ये बुद्धिजीवि वर्ग के लोग ख़ान मार्केट से डिज़ाइनर वेयर खरीदेंगे, BMW में सफ़र करेंगे और धरना देंगे जंतर-मंतर पर किसानों के हक़ और पर्यावरण की रक्षा के लिए...। पाखंडी साले... ओह्ह सॉरी।” मैंने ज़बान संभालते हुए कहा। वह मुझे देखकर हँसती रही। मैंने अपनी बात आगे जारी रखी “किसी को भी अगर लेफ्टिस्ट या फेमिनिस्ट बनना हो तो बस खादी की साड़ी, स्लीवलेस ब्लाउज पहन लो। साथ में बड़ी-सी लाल बिंदी लगा लो। या फिर आदमी हो तो रगड़ा हुआ पोछे जैसा पुराना-धुराना खादी कुरता, ब्लू डेनिम जीन्स, साथ में मोटे फ़्रेम का काला चौकस ऐनक और ‘मार्क्स’ जैसी
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