चोटी पर पहुँच कर एवेरेस्ट को बताना चाहता हूँ, की मेरे सपने और हौसले तेरी ऊँचाई से भी बड़े है।कहते है माउंट एवेरेस्ट माउंटेनियर के आत्मविश्वास, ताकत ,हौसलें और साहस की चरम सीमा तक परीक्षा लेता है और जो इन परीक्षाओ में सफल हो जाता है वो चोटी तक पहुँच जाता है। मैं भी अपनी ताकत आपने हौसलें और खुद के आत्मविश्वास को परखना चाहता हूँ। इस दुनिया मे मेरा क्या अस्तित्व है उसको जानना के लिए और बयाँ करने के लिए मैं एक दिन अपने आप की खोज में निकलना चाहता हूँ।"