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Kindle Notes & Highlights
सरकार और पत्रकार आपस में लाइक्स और फॉलो बाँट रहे हैं। यह नए दौर की रेवड़ियाँ हैं। महत्त्वपूर्ण बने रहना ही सबसे बड़ी चुनौती है।
गला रेता जा रहा है और गाना गाया जा रहा है।
बोलना सिर्फ़ साहस का काम नहीं है। आप जब बोलते हैं तो सबसे पहले ख़ुद को चुनौती देते हैं। ख़ुद से लड़े बिना कोई बोल नहीं सकता।
एक चुप्पी थी जो आदेश के तौर पर पसरी हुई थी।
प्राइवेट मीडिया और गवर्नमेंट मीडिया का अंतर मिट गया है। इसका काम ओपिनियन को डाइवर्सिफ़ाई करना नहीं है, बल्कि कंट्रोल करना है। ऐसा भारत सहित दुनिया के कई देशों में हो रहा है।
perception is the new information—जिसमें
भारत में शाम तो सूरज डूबने से होती है, लेकिन रात का अँधेरा न्यूज़ चैनलों पर प्रसारित होने वाली ख़बरों से फैलता है।
आज मुख्यधारा मीडिया के पत्रकार बहुत डरे हुए हैं और एक डरा हुआ पत्रकार एक मरा हुआ नागरिक पैदा करता है।