इस प्रक्रिया में एक पूरे समुदाय को अपराधी की तरह पेश कर दिया गया है। उन्हें क़ानून-व्यवस्था के विरोधी की तरह पेश किया गया है। अंग्रेज़ों ने कुछ घुमंतू जनजातियों को ‘अपराधी’ घोषित कर दिया था। उन्हें उस तमगे से आज तक मुक्ति नहीं मिली। भारत के मीडिया ने भारत के मुसलमानों का अपराधीकरण किया है। उन्हें क्रिमिनल कास्ट में बदला है। तभी

