आगाह करती हैं कि साठ लाख यहूदियों के साथ ही नाज़ी शासन ने पचास लाख अन्य लोगों को भी मार डाला था। ये वो लोग थे जो नस्ली तौर पर अशुद्ध, अस्वस्थ, अनुत्पादक या अनैतिक क़रार दिए गए थे। इनमें जिप्सी, अश्वेत, यहोवा के साक्षी, शारीरिक-मानसिक रूप से विकलांग, कम्यूनिस्ट, सोशल डेमोक्रेट और ना ज़ियों के अन्य राजनीतिक विरोधी, उनसे असहमत क्लर्जी, समलैंगिक, ट्रांसजेंडर, युद्धबंदी, मिरगी के मरीज़, शराबी, स्लाव लोग, चित्रकार, लेखक, संगीतकार और अन्य कलाकार जो हिटलर के विचारों और कार्यों से असहमत थे, सब शामिल थे।