अनगिनत लोगों ने अपने लोक होने के अधिकार को लड़कर हासिल किया। हम स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन देते हैं। क्या हमें पता है कि वे स्वतंत्रता सेनानी जब देश को आज़ाद करने के लिए वर्षों जेल में रहे—जिनका नाम भी हम नहीं जानते—तो उनके पीछे उनके बच्चे बर्बाद हो गए! उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति उसी पेंशन पर निर्भर रही और वो लगातार कमज़ोर होते चले गए। उन्होंने अपनी कई पीढ़ियों की ज़िंदगी दाँव पर लगाकर देश के लिए लोक होने का, नागरिक होने का बोध हासिल किया। आप उस देश के लिए, कम से कम उन स्वतंत्रता सेनानियों की इज़्ज़त रखने के लिए अपने लोकपन को, अपने जनता होने के अधिकार को कमज़ोर मत कीजिए।