Abhishek Ghongade

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जब तक इंसान को भूख का अहसास है, बोलने की बेचैनी है, तब तक वह जानने की छटपटाहट में रहेगा। आज लोग सुन्न पड़े हैं, कल जागेंगे। तब पूछेंगे कि भारत का लोकतंत्र महान कैसे हो सकता है, जब उसका मीडिया ग़ुलाम की तरह बर्ताव करता है। पत्रकारों के वेश में न्यूज़ एंकर गुंडों की तरह बात करते हैं।
Bolna Hi Hai : Loktantra, Sanskriti Aur Rashtra Ke Bare Mein (Hindi Edition)
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