घर न जले। आग किसी के घर में और बुझाने की कोशिश वहाँ जहाँ आग ही न लगी हो। यही तर्क अब दूसरे रूप में देखने को मिलता है। आप जुनैद की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कीजिए तो पूछा जाएगा कि कश्मीरी पंडितों की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कब करेंगे। जबकि जो पूछ रहे हैं, वही कश्मीरी पंडितों की राजनीति करते रहे हैं और अब सरकार में

