1933 की शुरुआत में जर्मनी में 50,000 यहूदी बिज़नेसमैन थे। जुलाई 1938 तक आते-आते सिर्फ़ 9000 ही बचे थे। 1938 के बसंत और सर्दी के बीच इन्हें एकदम से धकेलकर निकालने की योजना पर काम होने लगा। म्यूनिख शहर में फ़रवरी 1938 तक 1690 यहूदी बिज़नेसमैन थे, अब सिर्फ़ 660 ही बचे रह गए। यहूदियों के बनाए बैंकों पर क़ब्ज़ा हो गया।

