Abhishek Ghongade

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जब आप अनुरोध करते हैं, तब आप लोकतंत्र के लोक नहीं रह जाते। अपने जनता होने का अधिकार आप छोड़ देते हैं। सूरत के व्यापारी साईं भजन की तर्ज़ पर अपनी माँगों को भजन की तरह गाने लगे।
Bolna Hi Hai : Loktantra, Sanskriti Aur Rashtra Ke Bare Mein (Hindi Edition)
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