है। रेत में खड़ा पेड़ कभी यह नहीं सोचता कि उसके यहाँ होने का मतलब क्या है। वह दूसरों के लिए खड़ा होता है, ताकि पता चले कि रेत में भी हरियाली होती है। जहाँ कहीं भी लोकतंत्र को हरे-भरे मैदान से रेगिस्तान में तब्दील किया जा रहा है, वहाँ आज नागरिक होने और सूचना पर उसके अधिकार की लड़ाई थोड़ी मुश्किल ज़रूर हो गई है, मगर असंभव नहीं