हमारे देश में, ख़ास तौर पर इन टीवी चैनलों के ज़रिये एक तरह से हमें अमानवीय और वहशी बनाने की एक ‘परंपरा’ को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी तरह के नैरेटिव रोज़ गढ़े जा रहे हैं। आप अभी अगर सावधान नहीं होना चाहते तो कोई बात नहीं। लेकिन किसी वक़्त में जब यह बात आपको याद आएगी, तब आप बहुत परेशान होंगे। अपने लिए नहीं, अपने बच्चों के लिए; क्योंकि

