जाने वाला इतिहास झूठा और ज़हरीला है। इसके झूठ के शिकार तो भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी हो गए। उनके कुल-खानदान से लेकर उनका धर्म तक, यहाँ तक कि उनका नाम भी इस यूनिवर्सिटी ने बदल दिया, उसे तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। आज जब नेहरू अपने ही देश में जिन्ना से भी बड़े दुश्मन साबित किए जा रहे हैं, तब ये ‘आईटी सेल’ और उसे बढ़ावा देने वाले लोग भला किसे छोड़ेंगे!