इतिहास का ऐसा ग़लत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। आप लाइब्रेरी में जाइए और पढ़िये कि नेहरू और बोस के बीच आपसी संबंध कैसे थे। उन संबंधों में कैसा उतार-चढ़ाव था, उस बारे में ज़रूर पढ़िए, लेकिन अगर आप टीवी चैनलों पर होने वाली बहसों को सुनकर इस बारे में अपनी कोई राय बनाएँगे तो गड्ढे में ही गिरेंगे। जिस एंकर को दिन में दो अख़बार पढ़ने का वक़्त नहीं होता, वह रोज़ रात को इतिहासकार बनकर आपकी बुद्धि भ्रष्ट कर रहा होता है।

