‘इश्क़ कोई रोग नहीं’ टाइप के सिंड्रोम से निकलिए। इश्क़ के लिए स्पेस कहाँ है, डिमांड कीजिए। पैंतीस साल के साठ प्रतिशत नौजवानो, तुम सिर्फ़ मशीनों के कल-पुर्ज़े बनाने और दुकान खोलने नहीं आए हो। तुम्हारी जवानी तुमसे पूछेगी, बताओ, कितना इश्क़ किया, कितना काम किया? काम से ही इश्क़ किया तो फिर जीवन क्या जिया?

