Abhishek Ghongade

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क्या हम उन आर्थिक-राजनीतिक व्यवस्थाओं पर विचार करने का परिश्रम कर पाते हैं जो सबकी भलाई करने का दावा करती रही हैं। मुझे नहीं मालूम कि दूसरा सिस्टम क्या हो सकता है, क्योंकि
Bolna Hi Hai : Loktantra, Sanskriti Aur Rashtra Ke Bare Mein (Hindi Edition)
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