लोग उस प्रोपेगैंडा के साँचे में ढलते चले गए। लोगों को भी पता नहीं चला कि वे एक राजनीतिक प्रोपेगैंडा के लिए हथियार में बदल दिए गए हैं। आज भी बदले जा रहे हैं। जर्मनी में पुलिस ने गोली नहीं चलाई, बल्कि लोग हत्यारे बन गए। जो इतिहास से सबक नहीं लेते हैं, वो आने वाले इतिहास के लिए हत्यारे बन जाते हैं। प्रोपेगैंडा का एक ही काम है, भीड़ का निर्माण करना, ताकि ख़ून वो करे, तो दाग़ भी उसी के दामन पर आए। सरकार और महान नेता निर्दोष नज़र आएँ। भारत

