जब भी आप किसी बीमार इनसान के पास या अस्पताल में जाते हैं, तब अनुभव करें तो पाएँगे कि जैसे आपके भीतर से कुछ कम हो रहा है। आपके भीतर से कुछ चूसा जा रहा है। ऐसा क्यों अनुभव होता है? क्योंकि बीमार इनसान को अधिक प्राण-ऊर्जा की आवश्यकता होती है। वह उसे आस-पास के लोगों के हिस्से की प्राण-ऊर्जा से भी लेता है।