vishal kumar

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शत्रून्हन्यात् स्वबले तथा मित्र समागमः। लक्ष्मीप्राप्तिः स्वरबले कीर्तिः स्वरबले सुखम्॥ स्वर की शक्ति से शत्रु पराजित हो जाता है, बिछुड़ा मित्र मिल जाता है। यहाँ तक कि माता लक्ष्मी की कृपा, यश और सुख, सबकुछ मिल जाता है। कन्याप्राप्ति स्वरबले स्वरतो राजदर्शनम्। स्वरेण देवतासिद्धिः स्वरेण क्षितिपो वशः॥ स्वरज्ञान द्वारा पत्नी की प्राप्ति, शासक से मुलाकात, देवताओं की सिद्धि मिल जाती है और राजा भी वश में हो जाता है।
Saans Ke Rahasya - Jo Chahein, So Paayein (Hindi Edition)
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