Abhishek Ghongade

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काम में अगर कभी मन लगता भी है, तो काम के बाद सख्त डिपरेशन हो जाता है कि मैं यहां क्यों हूं, तुम्हारे बगैर क्यों हूँ? अपने आप पर गुस्सा आता है, बेहद गुस्सा।
ख़तों का सफरनामा [Khaton Ka Safarnama]
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