Abhishek

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सारांश यह है कि सिख लोगों के देशद्रोह के कारण और अधपकी स्थिति में विद्रोह हो जाने से पंजाब में क्रांति जड़-मूल से खोद दी गई और पंजाब चूँकि दिल्ली की रीढ़ की हड्डी था, दिल्ली का इस समाचार से उत्साह भंग हुआ।
1857 का स्वातंत्र्य समर
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