Abhishek

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अफ्रीका और अमेरिका में वहाँ के निवासियों को ईसाई धर्म की दीक्षा देने के काम में मिली सफलता से बहके हुए पश्चिमवासियों को अफ्रीका की भाँति ही हिंदुस्थान में भी सारे लोगों को ईसाई बना डालने की भारी आशा थी। वेद और प्राचीन हिंदू धर्म तथा ईसाइयत की पीठ पर नृत्य करते इसलाम के जड़-मूल कितने गहरे हैं, इसका उन्हें जरा भी ज्ञान नहीं था।
1857 का स्वातंत्र्य समर
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