राज्य क्रांतियाँ किसी सूत्रबद्ध नियम से नहीं चलतीं। राज्य क्रांति कोई घड़ी की तरह ठीक-ठीक चलनेवाला यंत्र नहीं है। राज्य क्रांतियाँ स्वैर संचारप्रिय होती हैं। उनपर सिद्धांतों का बंधन ही रह सकता है, बाकी फुटकर नियम उनके अपूर्व धक्के से गिर जाते हैं। राज्य क्रांति का एक नियम है और वह यह कि उसकी पकड़ बनी रहनी चाहिए।