अंग्रेज इतिहासकार और अंग्रेजों की कृपा पर पले-बढे़ एक देसी ग्रंथकार कहते हैं—कारतूसों में गाय और सूअर की चरबी लगाई जाती है, केवल इतना सुनकर ही मूर्ख लोग भड़क गए। सुनी हुई बात सच है या झूठ, इसकी खोज किसी ने नहीं की। एक ने कहा, इसलिए दूसरे ने कहा और दूसरा बिगड़ गया इसलिए तीसरा बिगड़ गया। ऐसी अंधपरंपरा चली जिससे अविवेकी मूर्खों का समाज जमा हुआ और विद्रोह हो गया।