हिंदुस्थान के इतिहास में इतनी उत्क्षोभक, विद्युत् वेगी, भयानक एवं सर्वत्र व्याप्त राज्य क्रांति दूसरी दिखना बहुत कठिन है। लोक-शक्तियाँ जिसमें भड़भड़ाकर जाग उठीं और अपने देश की स्वतंत्रता के लिए एकाएक गर्जना करते मेघों की तरह रक्त की मूसलधार वर्षा करने लगीं।