Alok Srivastava

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आपका भाग्य अनजाने में आप खुद लिखते हैं। अगर आपको अपने भौतिक शरीर पर अधिकार हासिल है, तो आपका पंद्रह-बीस फ़ीसदी जीवन और भाग्य खुद आपके हाथों में होगा। अगर आपका अपने मन पर अधिकार है, तो आपके जीवन और भाग्य का पचास-साठ फ़ीसदी आपके हाथों में होगा। अगर अपनी जीवन-ऊर्जाओं पर आपका अधिकार है, तो आपका जीवन और भाग्य पूरी तरह आपके हाथों में होगा।
Inner Engineering: Anandmai Jeevan ke Sutra (Hindi Edition)
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