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Kindle Notes & Highlights
by
Sadhguru
Read between
January 2, 2020 - August 1, 2022
आपका भाग्य अनजाने में आप खुद लिखते हैं। अगर आपको अपने भौतिक शरीर पर अधिकार हासिल है, तो आपका पंद्रह-बीस फ़ीसदी जीवन और भाग्य खुद आपके हाथों में होगा। अगर आपका अपने मन पर अधिकार है, तो आपके जीवन और भाग्य का पचास-साठ फ़ीसदी आपके हाथों में होगा। अगर अपनी जीवन-ऊर्जाओं पर आपका अधिकार है, तो आपका जीवन और भाग्य पूरी तरह आपके हाथों में होगा।
आपने अपने बारे में इस बात पर ग़ौर किया होगा : जब आप प्रसन्न रहते हैं, तब आपकी विस्तार की इच्छा होती है। आप जब डरे होते हैं, तो सिमट जाना चाहते हैं। इसे आज़माकर देखिए। किसी पौधे या पेड़ के सामने कुछ मिनट के लिए बैठ जाइए। स्वयं को याद दिलाइए कि पौधा जो साँस छोड़ रहा है, उसे आप अपने अंदर ले रहे हैं और आप जो साँस बाहर छोड़ रहे हैं, उसे पौधा अपने अंदर ले रहा है। भले ही यह चीज़ अभी तक आपके अनुभव में न हो, फिर भी उस पौधे के साथ एक मनोवैज्ञानिक संबंध स्थापित कीजिए। इसे दिन में पाँच बार दोहराइए। कुछ दिनों बाद आप अपने आसपास की हर चीज़ से अलग तरह से जुड़ने लगेंगे। आप खुद को केवल एक पौधे तक ही सीमित नहीं रखेंगे।