Indra  Vijay Singh

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तब, उसका पूरा क़स्बा, क़स्बे की खिड़कियाँ और मौन हसरत से देखती कई आँखें उसके सामने दौड़ती चली आई थीं, खुद उसे भी पता नहीं कि उसकी ख़ामोश हसरतों और आँखों ने कब किससे क्या
Jalti Hui Nadi (Hindi Edition)
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