मेरे बड़े भाई गुलाब राय को एक अजीब बीमारी हो गई थी। वह अकसर बीमार पड़ जाते थे और ‘मर’ जाते थे। जैसे ही कफन खरीदकर घर लाया जाता और उनके ‘शरीर’ को उससे ढककर उन्हें श्मशान ले जाया जाता, वह अचानक जिंदा हो जाते। वह कई बार इसी तरह ‘मर’ गए और ‘जिंदा’ हो गए।