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वह बड़ी अच्छी बातें करता है या वह बड़ी अच्छी करती है के बजाय कभी कोई यह क्यों नहीं बोलता कि उसके साथ बैठकर चुप रहना अच्छा लगता है।
किसी के साथ बैठकर चुप हो जाना और इस दुनिया को रत्ती भर भी बदलने की कोई भी कोशिश न करना ही तो प्यार है।
असल में घर में माँ के न रहने से और तो जो कुछ होता हो लेकिन सारी बातचीत रुक जाती है।
लाइफ की ट्रैजिडी ये नहीं है कि ये नहीं मिला वो नहीं मिला। यहाँ मिलता सबको सब कुछ है बस टाइम से नहीं मिलता।”