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हर अधूरी मुलाकात एक पूरी मुलाकात की उम्मीद लेकर आती है। हर पूरी मुलाकात अगली पूरी मुलाकात से पहले की अधूरी मुलाकात बनकर रह जाती
सुन पाना इस दुनिया का सबसे मुश्किल काम है। लोग बीच में समझाने लगते हैं।
हर चीज के तमाम पहलू होते होंगे लेकिन न्यूज पर हर बात के दो ही पहलू होते हैं, एक बहुत सही और एक बहुत ही गलत। बीच का कुछ नहीं होता।
“क्योंकि आसमान रोज बदल जाता है। जैसा वो आज है ऐसा अब कभी नहीं होगा।
कई बार थोड़ी देर के लिए चले जाना बहुत देर के लिए लौट आने की तैयारी के लिए बहुत जरूरी होता है। चले जाने से पैदा हुई एक खाली जगह में एक नयी दुनिया बनकर लौट आने की गुंजाईश होती है। ऐसे
जिंदगी एक हद तक ही परेशान करती है। उसके बाद वो खुद ही हाथ थाम लेती
सुदीप अब भी व्यू का मजा ले रहा था। “चित्रा, अगर मान लो तुम्हें एक भी पैसा न मिले, तुम्हारी एक भी किताब न बिके तो क्या तुम लिखना छोड़ दोगी?” “नहीं, मैं फिर भी लिखूँगी।” “तो बस फिर पैसे का मत सोचो। मैंने अपनी कंपनी इसलिए नहीं बनाई थी कि मैं करोड़पति
लाइफ की ट्रैजिडी ये नहीं है कि ये नहीं मिला वो नहीं मिला। यहाँ मिलता सबको सब कुछ है बस टाइम से नहीं मिलता।”
अकले हो जाना ही इस दुनिया की आखिरी सच्चाई है। भले आप भीड़ में मरें या अपने घर के बिस्तर पर, हर आदमी मरते वक्त अकेला ही