Rakesh

14%
Flag icon
कितने साल बीत जाते हैं न, यह सोचते हुए कि बस कुछ वक़्त बाद सब सही होगा, पर असल में सब सही कभी नहीं होता है। हमेशा एक टीस रह जाती है और वक़्त बीत जाने का पता ही तब चलता है, जब हम अपने आईने को छोड़कर किसी दूसरे में ख़ुद को देखते हैं—पहली बार!
Tumhare Baare Mein (Hindi Edition)
Rate this book
Clear rating