Rakesh

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घर की दरारें, बारिश में खिड़कियों की नमी, पड़ोस से आती दाल में तड़के की ख़ुशबू, मोहल्ले के तारों में अटकी हुए पतंग, सारा कुछ मैं आज भी चख सकता हूँ।
Tumhare Baare Mein (Hindi Edition)
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