Ayushi Singh

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हम जिस भी चीज़ को छुपाकर रखते हैं, वह हमेशा हमारे लिए बहुत निजी हो जाती है—कुछ बहुत अपनी-सी। हम सभी बहुत बार हारे हैं। हम सबके सुंदर घरों के स्टोर रूम हमारे अधूरे टुकड़ों से भरे पड़े हैं। शायद इसलिए हारे हुए पात्र कहानियों में हमेशा छू जाते हैं। जीत कितनी पराई है और हार कितनी अपनी!
Tumhare Baare Mein (Hindi Edition)
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