Vivek Singh

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ऋषि के पास कहने को आकाश भर की बातें थीं। मनु के पास सुनने को समंदर भर की उत्सुकता; लेकिन फिर भी कमी दोनों ही तरफ़ थी। ऋषि के पास शब्द नहीं थे और मनु के पास धैर्य। शब्दों से जब जवाब नहीं आए तो धैर्य ने ही जवाब दे दिया।
Chaurasi/चौरासी/84 (Hindi Edition)
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