Vivek Singh

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प्रेम में शरीर को जोग ही नहीं; रोग भी लग जाते हैं। प्रेम बेख़ुदी ही नहीं; बीमारियाँ भी साझा कर जाता है। अदला-बदली पत्रों की ही नहीं, पीड़ाओं की भी होती है।
Chaurasi/चौरासी/84 (Hindi Edition)
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