Vivek Singh

76%
Flag icon
अभी ज़िंदा-मुर्दा देखने का समय नहीं है। कहते हुए तीसरा, लड़की के मुर्दा जिस्म पर झुक गया। लड़की पहले मरी, इंसानियत थोड़ी देर बाद। तीसरे ने जब उठते हुए अंगड़ाई तोड़ी तो पाशविकता भी टूटकर रो रही थी।
Chaurasi/चौरासी/84 (Hindi Edition)
Rate this book
Clear rating