Vivek Singh

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राम दास लंगर। 300 सालों से जाति, धर्म और रुतबे से ऊपर उठकर लोगों को साथ बैठाने का तथा साथ खिलाने का उपक्रम। गुरु की ‘पहले पंगत फिर संगत’ का स्थान। वह बुदबुदाये- “देग तेग फतेह।” अर्थात भूखों के लिए भोजन और कमज़ोरों के लिए सुरक्षा। यही
Chaurasi/चौरासी/84 (Hindi Edition)
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