Rajesh Kamboj

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राजपूतों की उत्पत्ति के विषय में चंदबरदाई के ‘पृथ्वीराज रासो’ में एक मनोरंजक कथा है। माना जाता है कि एक बार परशुराम मुनि ने एक समय क्रोध में आकर सारे क्षत्रियों का संहार कर दिया था, जिसके कारण पृथ्वी पर अराजकता छा गई। अंततः देवताओं ने धरती को म्लेच्छों से बचाने के लिए ब्रह्माजी से प्रार्थना की। ब्रह्माजी के अनुरोध पर वशिष्ठ मुनि ने आबू पर्वत पर एक यज्ञ किया। यह यज्ञ चालीस दिनों तक चला। यज्ञ के अग्निकुं ड से प्रतिहार, परमार (पवार) चौहान, सोलंकी (चालुक्य) नामक चार योद्धा उत्पन्न हुए। इससे ही चार राजपूतों के वंशों का उदय हुआ। अतः क्षत्रिय अग्निकुल या अग्निकुंड की संतान थे। आलोचक इसे कपोल-कल्पना ...more
PRACHIN EVAM MADHYAKALEEN BHARAT KA ITIHAS (Hindi Edition)
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