प्रसिद्ध जर्मन विद्वान् प्रो. मैक्समूलर के अनुसार, आर्य जाति और उसकी सभ्यता का ज्ञान हमें वेदों और अवेस्ता से मिलता है। इनके अनुसार भारतीय तथा ईरानी आर्य एक लंबे समय तक साथ-साथ रहे, अतः इनका आदि देश भारत और ईरान के समीपवर्ती था। वहीं से एक शाखा ईरान को, दूसरी भारत को तथा तीसरी यूरोप को गई होगी, क्योंकि प्राचीन आर्य पशुपालन और कृषि कार्य करते थे, अतएव वे एक बड़े मैदान में रहते हैं। इन तथ्यों के आधार पर ही मैक्समूलर और अन्य विद्वान् यह मानते हैं कि मध्य एशिया ही आर्यों का मूल देश है।