anand  pathak

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“पुस्तकें हमारी सच्ची साथी हैं। संबंधियों और मित्रों से हमारे रिश्ते खराब हो जा सकते हैं, पर पुस्तकों से कभी नहीं। यह साधक और साध्य का नाता है, क्योंकि हर पुस्तक अपने आप में संचित ज्ञान-एकांश या अनुभव-मंजूषा है।”
MUJHE CHAND CHAHIYE (Hindi Edition)
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