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Kindle Notes & Highlights
मुझे यह समझना चाहिए था कि अपना-अपना बोझ अकेले ढोने के लिए
कोई अभिशप्त (यह उसका प्रिय शब्द हो गया था!)
“काम करने की आदर्श स्थितियाँ जिन्दगी में कम मिलती हैं।”
‘रंगमंच विकास के विभिन्न चरणों में मानव-समुदाय का सूक्ष्म, कलात्मक पर्यवेक्षण है’,
‘जो अभिनेत्री सिर्फ शूद्रक की बसंतसेना बनना चाहती थी, शेक्सपियर की डायन नहीं, उसे बहावलपुर हाउस में फाँसी पर चढ़ा दिया जाना चाहिए’,
“लोग गरीब होते हुए भी सुखी रह
लोग कितनी मुश्किल से अपनी उबाऊ, महत्वहीन जिन्दगियों में, जो एक-जैसी और दुखी होती हैं, घिसटते जाते हैं, और दूसरी ओर लाखों में किसी एक का जीवन रोचक विलक्षण और अर्थ से भरपूर होता है,” तो वर्षा ने इन शब्दों की अर्थवत्ता एकदम समझ ली। जब
असफलता का तत्व हमारी रचनात्मक अवधारणा में अंतर्निहित है। कलात्मक प्रयासों में असफलता का
प्रतिशत अनिवार्य है। संसार का ऐसा कौन-सा कलाकार है, जिसने नाकामयाबी का बोझ न ढोया हो? और असफलता की कचोट हमारे कलात्मक व्यक्तित्व के निर्माण में अपना योग देती है।”
जिस चीज़ का हमारे पेशे में महत्व है, वह यश नहीं, बल्कि सहने
की क्षमता है। अपना दायित्व निभाओ और विश्वास रखो।’
पर सच्चाई यह है कि वर्षा कि वी डोंट मेक लव एव्री नाइट। बिस्तर पर
सुकुमार की मौजूदगी, उनकी सांसों का एहसास हो, तो मुझे फौरन नींद आ जाती है। शायद इसी को भावात्मक सुरक्षा या प्रेम कहते हैं।”
“रुँधे हुए गले से तुम्हें विदाई दे रहे हैं-/अज़दक, फरहाद, स्टेनले, स्कंदगुप्त और कालिगुला/मेघदूत, कमानी और श्रीराम थिएटर की आखें नम हैं...”
‘इस कस्बे में तीन भाषाएँ जानना बेकार का विलास है।’
‘स्त्रियाँ प्रेम के लिए विवाह नहीं करतीं। यह उनका कर्तव्य है।’ ‘देखो,
धर्म के नाम पर हमसे कुछ भी निकलवा लो, पर कला के नाम पर गजल की महफिल से ऊपर नहीं उठ सकते।”
दुख, पीड़ा और यातना के अनवरत क्रंदन से यह पूर्वाभ्यास कक्ष क्षत-विक्षत है। वस्तुत: यह कलात्मक यातनाकक्ष है।
“जिंदगी में बार-बार चुनना होता है।”
‘शिक्षक की कला मेधावी शिष्य के पास पहुँचकर वैसे ही खिलती है, जैसे बादल
का पानी समुद्र की सीपी में पहुँचकर मोती बन जाता है।’)
‘रंगमंच आत्मरति का सिंहद्वार नहीं!’ डॉक्टर अटल का एक सुभाषित था।
“शी डज़ नॉट लव आर्ट। शी लव्ज हरसैल्फ इन आर्ट।”
‘तुमने किसी ऐसे ईश्वर को जाना है, जो हमारे-जैसा अकृपालु न हो?’
‘तुम्हारा मौन बहुत सर्द है’…
‘भीगी मोरी पीली सारी, बेदर्दी तेरी पिचकारी’ गीत
“घर में विरोधी विचारधारा के साथ सह-अस्तित्व युवा पीढ़ी के लिए हमेशा चुनौती रही है।” अनुभव-तपे राजनीतिज्ञ के समान वर्षा बोली, “तुम जाते ही लिकर-केबिनेट में बोतलें पीछे छिपा दो। आगे क्राकरी लगा दो। ताला लगाकर चाबी झुमकी को दे दो। जब तक दद्दा हैं,
१०१ ‘सिलवर सेंड’ गुजरात बना रहेगा।”
“व्यावसायिक सिनेमा के माहौल में साँस लेता व्यक्ति बाप को मुखाग्नि देने से पहले सोचता है, इसमें मेरा क्या फायदा है?”)
“एकाध तमन्ना अधूरी रह जाये, तो ईश्वर पर आस्था बनी रहती है।”
‘वन फिलयु ओवर द कुक्कू’ज नेस्ट’
“यह दुर्बलों और कायरों की अपनी बौनी क्षमता को पहचानने की स्वीकृति है। सच्चे और महान वे हैं, जो अपनी असफलता की कचोट के साथ जिंदा रहते हैं। अपने
निकृष्टतम रूप में भी जिंदगी मौत के सर्वश्रेष्ठ ढंग से बेहतर है।”
“आत्महंता को पता नहीं होता कि अपने निकटतम लोगों को वह कैसे सर्वग्रासी दुख के शिकंजे में कसा
छोड़ रहा है। अपनी टुच्ची खुदगर्जी में वह सिर्फ अपने दर्द में डूबा रह जाता है--कुत्ते की तरह अपने घाव को चाटता हुआ। वे पीछे छूटे लोग वंदनीय हैं, जो पीड़ा के दंश से चीखते हुए फिर अपने कर्मपथ
किसी को प्रेम करने का अभिप्राय यह है कि उस
व्यक्ति के बगल में तुम वृद्ध होने के लिए तैयार हो।’
“कोई इच्छा अधूरी रह जाये, तो जिंदगी में आस्था
बनी रहती है।” वर्षा ने अपनी प्रिय धारणा प्रकट कर दी।