गुरु का मानना था कि दृष्टि ही हमारे दुःख का कारण होती है। हमें दिखता है, इसलिए दुःख होता है। उनके अनुसार, दुःख से मुक्ति पाने का सबसे सरल उपाय है, देखना बंद कर दो। गुरु बोले कि अब हम अपने हाथ से तो अपनी आँखें फोड़ नहीं सकते, लेकिन आँखें बंद तो कर सकते