इजहार करो, चीखो-चिल्लाओ...अगर नहीं तो तुम्हारा मौन स्वीकृति का नहीं अस्वीकृति का लक्षण माना जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप किसी पीपल के नीचे बिठाकर हम तुम्हें पिंपलेश्वर महादेव कहकर तुम्हारे सर पर नारियल फोड़ेंगे, फिर नहीं कहना कि भाईसाहब आपने हमसे पहले क्यों नहीं कहा।