तांत्रिक मुसकराते हुए बोले कि मतलब जब आप परेशानी में हों, अपने को सेट करने की जुगाड़ में हों और दूसरे पक्ष को अप्सेट करने के लिए प्रयासरत हों। लेकिन जैसे ही अंतरात्मा सत्ता में आती है, बिलकुल चुप हो जाती है, और मान लीजिए कि सत्ता में रहते हुए कभी अगर अंतरात्मा बोले भी, तो समझिए कि आप पक्ष में होते हुए भी विपक्ष टाइप का फील कर रहे हैं, तब वह बोलती नहीं है सिर्फ भाषण देती है...