Prateek Singh

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एक मुँह से नहीं, हजारों हजार मुँह से बोल रहे हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि पहले वे एक मुँह से बोलते थे और हजारों कान उनको सुनते थे। अब वे हजारों मुँह से बोल रहे हैं, लेकिन सुनने वाला एक भी कान मौजूद नहीं है।
Maun Muskaan Ki Maar (Hindi Edition)
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