Prateek Singh

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जब हम सभी ब्रह्म‍ हैं, तब आप क्यों चाहते हैं कि हम मिथ्या के पक्ष में खड़े होकर ब्रह्म‍ होते हुए भी मिथ्या के नाम से जाने जाएँ? जो अंतर तंत्र और तांत्रिक में होता है, वही अंतर ब्रह्म‍ और ब्रह्मा में है। ब्रह्म‍ एक धारणा है, जो असीमित है और ब्रह्मा एक व्यक्ति है, जो सीमित है।
Maun Muskaan Ki Maar (Hindi Edition)
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