बड्डे सूर्य के प्रकाश में गाँव के किसी भी व्यक्ति को दृश्यमान नहीं होते थे, किंतु जैसे ही सूर्य अमरीका को प्रकाशित करने के लिए चला जाता, वैसे ही बड्डे भारतभूमि पर दृष्टिगोचर होने लगते। प्रतिदिन शाम को ही घर से बाहर निकलने या गाँव की गलियों में विहार करने के कारण गाँव के लोग उनको शामबिहारी कहने लगे, यानी जो सिर्फ शाम को ही विहार करे वह शामबिहारी।

