Prateek Singh

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उन्हें विश्वास था कि अत्तरा, जहाँ के वे रहनेवाले थे, जहाँ अमूमन सभी ‘सड़क को शड़क’ और ‘शक्कर को सक्कर’ कहने पर राजी थे, के घुट्टी में पिलाए गए भाषायी संस्कार को, शर्मिला का आभिजात्य प्रेम निश्चित ही सुधार
Maun Muskaan Ki Maar (Hindi Edition)
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